दलित परिवार में जन्मा
आम सा एक लड़का था
समानता के अधिकारों के लिए
जिदगी भर वो लड़ता रहा
वो भीम राव ही था जिसने ऊँच नीच को
चीर-फाड़ कर खुद के लिए आसमान बुना
वो भीम राव ही था
जो लंदन से पढ़कर कानून का बैरिस्टर बना
हमारे अधिकारों की और
अपन जीवन समर्पित किया
वो भीम राव ही था
जिसने भारत को संविधान दिया
हमे जीने का अधिकार दिया,
महिलाओं को सम्मान दिया
समाज से ऊँच नीच को खत्म कर,
समानता का वरदान दिया
जीते जी उन्हें कानून
मंत्री का आसन मिला,
और 1990 में भारत
रत्न का सम्मान मिला।
-आदित्य कश्यप
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